Blackout Movie Review: यह फिल्म आपको अंत तक देखने के लिए बांधे रखेगा इस फिल्म में सस्पेंस कॉमेडी और बहुत कुछ

Blackout Movie Review

Blackout Movie Review: यह फिल्म आपको अंत तक देखने के लिए बांधे रखेगा इस फिल्म में सस्पेंस कॉमेडी और बहुत कुछ

ब्लैकआउट मूवी जिओ सिनेमा ओटीजी पर रिलीज किया गया। फिल्म की शुरुआत बत्ती गुल रात के साथ होती है।देवांग शशिन भावसार की लिखी और निर्देशित यह फिल्म आइडिया आइडिया के स्तर तो मजेदार है फिल्म को और रोचक बना सकते थे फिल्म को सिर्फ एक ही रात की कहानी पर रखा गया। यह फिल्म रात के अंधेरा में शुरुआत होती है और उसी रात में अजीब अजीब कांड होती है जिससे हीरो की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है फिल्म देखने में तो आपको हंसी मनोरंजन से थोड़ा ठीक है। दर्शन गुण अपना मूड फ्रेश करने के लिए मूवी देख सकते हैं जो थोड़ा आपको हंसाने में मजबूर करता है।

ब्लैकआउट’ की कहानी

फिल्म की कहानी होने के स्टिंग ऑपरेशन एक्सपर्ट क्राइम रिपोर्टर लेनी डिसूजा (विक्रांत मैसी) की हैं। जो एक रात बिजली गोल हो जाने के बाद अपने बीवी के कहने पर अंडा पाव लाने के लिए निकलता है और वह देखता है कि पूरे शहर हो गई है न लेकिन वह नहीं जानता था कि वह रात उसके साथ बहुत कुछ करने वाला है और उसकी जिंदगी में अलग ही मोड आने वाला है। लेनी रास्ते से गुजर रहा था तभी लुटेरों की गाड़ी जो सोने से भरी थी जिसमें सभी लुटेरे एक दूसरे से लड़ते हुए एक दूसरे पर वार करते हुए लेने की गाड़ी से जाकर टकराते हैं और उसमें और गाड़ी जाकर एक जगह पलटा जाती है। लेने जैसे ही अपनी गाड़ी से निकाल कर देखता है किसी गाड़ी से कौन टकराया तो देखा है की लुटेरे से भर गाड़ी में सोना चांदी भरा हुआ है वहां उसके मन में लालच आता है और वहां से वह एक बक्सा उठा ले अपने गाड़ी केडीक्की में रख लेता है। जैसे ही आगे बढ़ता है उसके गाड़ी से एक व्यक्ति टकरा जाता है जोअधमरा होता है। इस समय बेवड़ा(सुनील ग्रोवर) यह सभी घटना होते हुए देख लेता है और उसे पुलिस को खाने का धमकी देता है तब तब लेने को उसे अपने साथ में लेना पड़ता है।

ब्लैकआउट’ में कॉमिक पंच

अब इसके बाद फिल्म की कहानी में एक और नाम आता है जैसे ही गाड़ी आगे बढ़ती है उन्होंने नए दो चोर मुलाकात होती है जो सोशल मीडिया प्रेमी ज्यादा होते हैं और छोटी-मोटी चोरी करके अपना जीवन यापन करते हैं। यह दोनों भी इनके साथ इनके कहानी में शामिल हो जाते हैं। अभी तो फिल्म की सब शुरुआत ही होती है फिल्म आगे एक भ्रष्ट पुलिसवाले, महिला नेता (छाया कदम), जासूस (जिशु सेनगुप्ता), सुंदर कन्या (मौनी रॉय), गैंगस्टर, डॉन इतने किरदारों की एंट्री होती है जो सभी पत्रकार लेनी डिसूजा की जिंदगी में आकर उनकी वाट लगाते हैं। कहानी रात भर में ही एक के साथ एक किरदार के साथ जुड़ती जाती है और कहानी थोड़ी  अच्छी लगती है। लेकिन कहानी देखते देखते इतने किरदारों को एक ही रात में उन सब पर कहानी बनाई गई है जो दर्शकों को थोड़ा देखने के लिए प्रेरणा देता है और अच्छा भी लगता है।

ब्लैकआउट’ कास्ट

एक्टिंग की बात किया जाए तो विक्रांत मैसेज के अधिकारी उनकी 12वीं फेल वेब सीरीज जैसी थोड़ी चमक नहीं दिखती है। सुनील गोवर जो थोड़ा शराबी के रूप में है उनकी भी एक्टिंग थोड़ी बड़ी अच्छी है। वही इस कहानी में दो छोटे किरदार करण और सौरभ लगभग ठीक ही थे। फिल्में छाया कदम, जिशु सेन गुप्ता,अनंत जोशी,मौनी रॉय को कहानी में ज्यादा कलाकारी दिखाने का समय नहीं दिया गया वह बस थोड़ी देर के लिए आते हैं लेकिन कहानी में मजेदार मोर बी लाते हैं। कुल मिलाकर देखी जाए तो फिर लोगों को ओटीजी पर देखना है चलो अपने टाइम पास के लिए और थोड़ा मूड फ्रेश करने के लिए इस कहानी को देख सकते हैं।

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